BREKING NEWS

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Tuesday 10 December 2013

बालु कटाव के विरोध

लखीसराय जिला के बालुधाट पर बालु की निकासी के बाद भी शहर के अवासीय भु-भाग से सटे किउल नदी किनारे बाला जमीन की खुदाईकर बालु की अबैध निकासी जारी है।

 जबकी बिहार सरकार के बालुनीति के अनुसार शहर किनारे या गांव के किनारे बसे आवासीय भु-भाग बाला क्षेत्र में किसी तरह की बालु निकासी करना वर्जित है। फिर भी कुछ दबंग टाईप के लोग प्रशासन की नियमों का अनदेखी करते हुए लखीसराय शहर केस्थित किउल नदी किनारे बसे आवासीय भु-भाग को टच करते हुए खुदाईकर बालु की अबैध धन्धा धडल्ले से किया जा रहा है। जिला प्रशासन के खनन विभाग के पदाधिकारी मनोज कुमार अम्वष्ठ ने कैमरा के सामने कुछ भी बताने से इन्कार किया ऐसे मौखिक बताया कि पुलिसिया तंत्र नहीं मिल पाता है सहयोगीयों की कमी रहने की रोना रोते है। और किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर पा रहे है।

जबकी स्थानीय लोगों ने इस बालु कटाव के विरोध कर रहा है। अगर इसी तरह से बालु कटाव होता रहा तो आने बाला बरसात में सैकडों धर किउल नदी केआगोस में समा जायेगा। और करोडों रू0 की जान-माल की क्षति होगी। फिर इसका जिम्मेदार कौन होगा ।

भारतीय खादय निगम पर अनियमितता का आरोप

लखीसराय जिले के सभी 32 मिलों में जिलाप्रशासन पैक्स अध्यक्ष के द्वारा किसानों से धान खरीदकर स्थानीय मिलों में चावल मुहैयया कराने के लिए कुल 2600 मैट्कि टन चावल सरकार को देने का लक्ष्य था जिसमें मात्र मिलों द्वारा 1600 मैट्कि टन चावल दिया गया है। और बाकी चावल कागजों पर दर्शाकर राज्य सरकार रूपया की बन्दरबांट कर लिया है।

जिसमें दर्जनों मिल मालिक और पैक्स अध्यक्ष ने भारतीय खादय निगम के अधिकारीयों पर अनियमितता का आरोप लगाया है। लेकिन कैमरा के सामने प्रशासन से दुश्मनी नहीं मोल लेना चाहते है। क्योकि इनलोगों ने सरकार के नियमों के अनुसार एग्रीमेन्ट कर चुके है।
 फिर भी प्रति टैक्टर उठाव में जिला के पदाधिकारी नजायज तरीके से 20 हजार रू0 ले रहे है। जब अधिकारीयों से बात किया गया तो बात गोल-मटोल कर इसे मिडिया मे नहीं दिखाने का आग्रह किया ।

जनसरोकार से भटके लक्ष्य पर सेमिनार

लखीसराय सांस्कृतिक मंच के तत्वधान में आज स्थानीय क्रान्ति प्रेस में युवा कवि व निर्भिक पत्रकार स्व0 कमल कुमार की 10वीं पुण्यतिथि के अबसर पर समाज की दशा और दिशा को एक नया आयाम स्थापित करने के उददेश्य से एक सेमिनार का आयोजन किया गया। आज जनसरोकार से भटके लक्ष्य पर सेमिनार का मुख्य विषय रखा गया । जिसमें सर्वप्रथम स्वतंत्र निर्भिक पत्रकार कमल कुमार जी के तैल्यचित्र पर लोगों ने पुष्प अर्पित कर उन्हे श्रद्वांजली दिया। और तमाम हिन्दी साहित्य सभा के दर्जनों कवि और लेखकों ने उनके रचना और कार्यशैली की चर्चा किया। साथ ही जनसरोकार से भटके लक्ष्य पर परिचर्चा किया गया।

संस्था के सचिव रणजीत सम्राट ने कहा कि- पत्रकार बन्धु, कवि,कथाकार,व्यंगकार और लेखकों ने अपनी कलम की धार से भटके लक्ष्य को जनसरोकार के हित में आगे बढाने की जरूरत है तभी समाज में शान्ति-स्नेह और सद्भाव का वातावरण पैदा होगी। इस सेमिनार सभा की अध्यक्षता मगही के मुर्धन्य कवि दशरथ जी ने किया ।

कवि दशरथ जी ने कहा कि- शिक्षा से संस्कार और संस्कार से संस्कृति का निर्माण होता है। शिक्षा के लिए केवल पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं बल्कि कल के लाल पन्नों से कल के लिए पुरखों के व्यक्तित्व और कृतित्व निकाल कर समाज के आगे परोसना अति आवश्यक है । आज हम कमल कुमार की 10वीं पुण्यतिथि पर उनसे सीख लें की जिस तरह स्व0 कमल कुमार आजीवन समाज के सजग प्रहरी रहे ठीक उसी तरह अपने जीवनकाल में हम समाज के लिए समर्पित रहे।

हिन्दी साहित्य सम्मेलन के कवि राजेश्वरी प्र0 सिंह ने कहा कि - कमल कुमार हिन्दी साहित्य के धरोहर थे। मेरी मित्रता का कारण हिन्दी के प्रति उनकी आशक्ति को हमने परखा था। समाजिक परिवर्तन धोतक थे, रूढिवादिता समाप्त करना उनका नारा था । समाज की विसंगतियों को दुर करने की जज्वा था । जनसरोकार के सिपाही थे। जो आज हमसभी को होना चाहिए।

कवि सुखदेव मोदी ने कहा कि - सभी को जनता की आम समस्याओं से रूबरू होकर जनमानस के प्रति सजग होकर भटके लक्ष्य को दशा और दिशा दिया जा सकता है।

डा0 सिद्वेश्वर महतों ने कहा कि - कमल की किससे कहुं । समाज की तमाम विसंगतियों को सुधारने की प्रयास किया है। प्रशासण की कार्यशैली जनसरोकार से भटक गया है। उन्हे सुधारने की आवश्यकता है।

इस अबसर पर लखीसराय सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष- अरविन्द कुमार, महासचिव- रणजीत सम्राट , सुबोध कुमार, सीताराम आजाद, राहुल कुमार , रोहित कुमार, कवि राजेश्वरी प्र0 सिंह , सुखदेव मोदी, ओमप्रकाश स्नेही, डा0 सिद्वेश्वर प्र0 महतों आदि लोग उपस्थित थे।



 

 


लगातार कांबिंग एवं सर्च ऑपरेशन

लखीसराय प्रतिबंधित संगठन माओवादी नक्सली संगठन के सदस्यों ने बीते 5 दिसंबर से पीएलजीए सप्ताह मनाए जाने को लेकर नक्सल क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई है। तथा क्षेत्र में लगातार कांबिंग एवं सर्च ऑपरेशन जारी है

Sunday 8 December 2013

सर्च अभियान

लखीसराय सूबे के औरंगाबाद एवं मुंगेर जिले के जमालपुर में नक्सलियों द्वारा बड़ी घटना को अंजाम देने बाद रेड एंड सर्च अभियान तेज है। एसपी राजीव मिश्रा के निर्देश पर एएसपी अभियान राजीव कुमार की अगुवाई में सीआरपीएफ एवं पुलिस जवानों ने पीरी बाजार थाना क्षेत्र के जंगलों में पूरे दिन रेड एंड सर्च अभियान चलाया।


सीआरपीएफ, एसटीएफ, सैप बीएमपी के जवान इसमें शामिल थे। 131 बटालियन सीआरपीएफ कैंप बन्नू बगीचा के सहायक कंपनी कमांडर धर्मेन्द्र कुमार के अनुसार सीआरपीएफ की दो टुकड़ियां कछुआ बासबुंड की तरफ से जंगल की ओर बढ़ रही है


जबकि एसटीएफ बीएमपी के जवान महुलिया मननपुर गांव की ओर से चेहरोन कोड़ासी के रास्ते जंगल की ओर अभियान में शामिल है। पीरी बाजार क्षेत्र के घोघी कोड़ासी, लठिया, लहसोरवा, खुद्दीवन, बरियासन, बलुआही, कटहरा, बंगाली बांध में रेड एंड सर्च अभियान चला। जबकि चानन के थानाध्यक्ष पवन कुमार सिंह ने कहा कि कछुआ, बासकुंड, सतघरवा, महुलिया, चेहरौन, कोड़ासी, मननपुर नीमियां टांड आदि इलाकों में आरएएसओ चलाया गया।


नक्सल प्रभावित चानन थाना क्षेत्र के जंगली पहाड़ी इलाकों में सर्च अभियान चलाया गया। जिसमें 131 बटालियन सीआरपीएफ कैंप बन्नू बगीचा के इंस्पेक्टर आरआर सिंह, चानन थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष पवन कुमार सिंह, एसआई ओम प्रकाश कुमार के अलावा सैप बीएमपी के जवान शामिल है।

सर्च अभियान नक्सल प्रभावित क्षेत्र कछुआ, बासकुंड, महुलिया, मननपुर, सतघरवा, महजनवा, बासकुंड डैम जंगल में चलाया गया। नक्सलियों से निपटने के लिए हर संभव पूरी तैयारी है। सूत्रों ने यह भी बताया कि जंगलों से नक्सलियों के आने जाने के हरेक रास्तों पर सीआरपीएफ एम्बुस लगाए बैठे रहते हैं।

 उधर एएसपी अभियान ने बताया कि क्षेत्र में शांति रखने को लेकर क्षेत्र में गश्ती सर्च अभियान चलाकर सुरक्षा प्रदान की जा रही है।

Byte....एसपी ......राजीव मिश्रा

Friday 6 December 2013

कांबिंग आपरेशन

लखीसराय जिला के नक्सल प्रभावित इलाका में माओवादीयों की धर-पकड के लिए शीतला कोडासी, हनुमान गढ, कानीमोड,जल्लपा स्थान के पहाडी एवं जंगली क्षेत्रों में पुलिस की कांम्बिंग आपरेशन जारी । छतिसगढ से आए महिला गुरिल्ल मारक दस्ता की छिपे होने की सुचना । साहिबगंज-दानापुर इंटरसिटी ट्रेन पर नक्सली हमले के बाद लखीसराय में पुलिस की सघन कांबिंग आपरेशन की गई।
 जिले में कजरा, पीरी बाजार एवं चानन थानों की पुलिस ने जंगल एवं पहाड़ी क्षेत्रों में संयुक्त रूप से कांबिंग की। इस अभियान का नेतृत्व एएसपी (अभियान) राजीव कुमार एवं लखीसराय के एसडीपीओ एस के विश्वास ने किया।
Byte...एस के विश्वास ... एस डी पी ओ 

Thursday 5 December 2013

वर्किंग जर्नलिस्ट रेगुलेशन

केबल टेलीविज़न नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट 1995 की धारा 20 के अंतर्गत न्यूज़ चैनलों को उनका लाइसेंस
पत्रकार यह पढ़कर जानें उनकी नौकरी कितनी पक्की-कच्ची है
Category: सुख-दुख...
पूर्णत पत्रकारिता के पेशे में जीवनयापन करने वाले पत्रकारों के लिए भारत सरकार ने कई ऐसे नियम बनाए हैं जिससे वे सरकारी कर्मचारी की तरह निश्चिंत होकर काम कर सकते हैं। काम और वेतन दोनों केन्द्रीय कर्मचारी के समान होगा।

तीन साल बाद नौकरी पक्की: श्रमजीवी पत्रकार और अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा शर्त) और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1955 की धारा 5 के तहत यह प्रावधान है कि एक ही समाचार पत्र में तीन साल की सेवा देने वाले पत्रकार को अनुशासनात्मक कार्यवाही छोड़कर किसी भी तरह से नौकरी से नहीं निकाला जा सकता। यदि किसी कारणवश पत्रकार नौकरी छोड़ता है या कोई अन्य कारण है तो वह ग्रेच्युटी पाने का अधिकारी है।

वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955, औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 का विस्तार रूप है। औद्योगिक अधिनियम की धारा 3 (1) से श्रमजीवी पत्रकारों के सम्बन्ध में वे सब उपबंध लागू किये गए हैं जो औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 में कर्मकारों (वर्कमैन)पर लागू होते हैं। किन्तु धारा 3 (2) के जरिये पत्रकारों की छंटनी के विषय में यह सुधार किया गया है।

छंटनी का नियम: जर्नलिस्ट एक्ट 1955 की धारा 3(2) के तहत किसी पत्रकार को संस्थान से निकालने के पूर्व 6 माह व संपादक को तीन माह पहले सूचना देनी पड़ती है। या फिर इसके आधे माह का एक मुश्त वेतन देना पड़ता है। धारा 5 के तहत मृत्यु, सेवानिवृत्ति, दस वर्ष की सेवा देने के बाद या किसी कारण वर्ष नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारी (जो तीन साल सेवा दें चुके हो) को सेवाकाल के हर पूरे किए वर्ष या उसके छह मास से अधिक के किसी भाग पर, 15 दिन के औसत वेतन के बराबर धनराशि दी जाएगी। स्वेच्छा से इस्तीफा देने वाले श्रमजीवी पत्रकार को अधिकाधिक साढ़े 12 माह के औसत वेतन के बराबर ग्रेच्युटी मिलेगा।

काम का समय: धारा 6 के तहत काम के समय का प्रावधान है। चार सप्ताहों में 144 घंटों से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता। सात दिन में एक दिन (24 घंटे) का विश्राम। दो प्रकार की छुट्टियां हैं पहली उपार्जित छुट्टी और चिकित्सा छुट्टी। उपार्जित छुट्टी काम पर व्यतीत अवधि की 1/11 से कम नहीं होगी और यह पूरी तनख्वाह पर मिलेगी। चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर चिकित्सा छुट्टियाँ कार्य पर व्यतीत अवधि की 1/18 से कम नहीं होंगी। यह आधी तनख्वाह पर दिया जाएंगा। मतलब एक माह की उपार्जित छुट्टी व चार सप्ताह की मेडिकल छुट्टी (आधे वेतन पर)।

वैसे धारा 7 के तहत काम के घंटों का प्रावधान संपादक पर लागू नहीं होता। लेकिन श्रमजीवी पत्रकारों से दिन की पारी में 6 घंटे से ज्यादा व रात्रि की पारी में साढ़े पांच घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता। दिन में चार घंटे में एक घंटे का विश्राम व रात्रि में तीन घंटे में आधे घंटे का विश्राम दिया जायेगा। एक पत्रकार वर्ष में 10 सामान्य छुट्टियों का अधिकारी है। लेकिन यदि किसी कारणवश छुट्टी के दिन भी कार्य करना पड़ता है तो मालिक व पत्रकार की सहमति से किसी अन्य दिन छुट्टी ले सकता है। 11 माह में एक माह की उपार्जित छुट्टी दी जाएगी। किन्तु 90 उपार्जित छुट्टियां एकत्र हो जाने के बाद और छुट्टियां उपार्जित नहीं मानी जायेंगी। सामान्य छुट्टियों, आकस्मिक छुट्टियों और टीका छुट्टी की अवधि को काम पर व्यतीत अवधि माना जाएगा। प्रत्येक 18 मास की अवधि में एक मास की छुट्टी चिकित्सक के प्रमाण-पत्र पर दी जाएगी। यह छुट्टी आधे वेतन पर होगी। ऐसी महिला श्रमजीवी पत्रकारों को, जिनकी सेवा एक वर्ष से अधिक की हो, तीन मास तक की प्रसूति छुट्टी दी जाएगी। यह छुट्टी गर्भपात होने पर भी सुलभ की जाएगी। इसके अलावा नियोजक की इच्छा पर वर्ष में 15 दिन की आकस्मिक छुट्टी दी जाएगी।

मजदूरी की दरें: धारा 8 (1) में उपबंधित किया गया है कि केंद्रीय सरकार एक निर्धारित रीति से श्रमजीवी पत्रकारों और अन्य समाचारपत्र-कर्मचारियों के लिए मजदूरी की दरें नियत कर सकेगी और धारा 8 (2) के तहत मजदूरी कि दरों को वह ऐसे अंतरालों पर, जैसा वह ठीक समझे, समय-समय पर पुनरीक्षित कर सकेगी। दरों का निर्धारण और पुनरीक्षण कालानुपाती (टाइम वर्क) और मात्रानुपाती (पीस वर्क) दोनों प्रकार के कामों के लिए किया जा सकेगा। इसलिए धारा 9 में एक मजदूरी बोर्ड के गठन का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में मजीठिया वेतन बोर्ड लागू है और मजदूरी दरें वेतन बोर्ड की दरों से किसी तरह कम नहीं होगी नहीं तो धारा 13 के तहत अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में 500 रूपए का जुर्माना अदा करना पड़ेगा।

कैसे लें शासन की मदद: शासन की मदद लेने के लिए पहले श्रमजीवी पत्रकार या मीडिया संस्थान का कर्मचारी श्रम विभाग जाकर बकायदा लिखित शिकायत कर सकता है। यदि 45 दिन में श्रम विभाग कोई कार्यवाही नहीं करता और कोर्ट में परिवाद भी दायर नहीं करता तो कोई भी कर्मचारी औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 31(3) के तहत सीधे श्रम न्यायालय में परिवाद दायर कर सकता है। इसके लिए पूर्व शिकायत की कापी भी संलग्न करना अनिवार्य है। औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25 के तहत लगातार 240 दिन से ज्यादा सेवा देना वाला कर्मचारी नियमित कर्मचारी माना जाएगा और उसकी सेवाएं संतोषजनक मानी जाती हैं। चूंकि बड़े संस्थानों में मीडियाकर्मी या पत्रकारों को बैंक के माध्यम से भुगतान होता है इसलिए किसी को यह सिद्ध करने में कोई परेषानी नहीं होगी कि वह उक्त संस्था का कर्मचारी है। खास बात यह है कि ठेकेदारी या प्लेसमेंट के कर्मचारी को भी यही वेतन दिया जाएगा और वेतन ना देने का दोषी संबंधित व्यक्ति होगा। उस पर भी इसी अधिनियम की धारा के तहत कार्यवाही होगी।

पुलिस की कांम्बिंग आपरेशन

लखीसराय जिला के नक्सल प्रभावित इलाका में माओवादीयों की धर-पकड के लिए कजरा थाना क्षेत्र के शीतला कोडासी, हनुमान थान, कानीमोड और चानन थाना क्षेत्र के श्रंृगिरिषी , जल्लपा स्थान , के पहाडी एवं जंगली क्षेत्रों में पुलिस की कांम्बिंग आॅपरेशन शुरू है
       लखीसराय जिला  के कजरा थाना क्षेत्र के पहाडी इलाके में हनुमान थान रामतली गंज के कानी मोड सिमरातल्ली  के दुर्गम जंगल में पुलिस  द्वारा काम्बिंग आपरेशन चलाया जा रहा है।
      ज्ञात हो कि बेखौफ हो चुके नक्सलियों ने शनिवार की शाम 30 Nov जमालपुर और रतनपुर के बीच पाटम स्थित सुरंग के पास साहबगंज-दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला बोल दिया। इस हमले में तीन जवान शहीद हो गए और 17 जून लखीसराय और जमुई जिला के सीमावर्ती इलाका कुंदर रेलवे हाल्ट के पास धनबाद.पटना इंटरसिटी ट्रेन पर नक्सली हमले में तीन जवान शहीद हो गए एवं औरंगाबाद नक्सल हमला के पश्चात
   उग्रवादियों की बढ़ती सक्रियता को लेकर साहिबगंज-दानापुर इंटरसिटी ट्रेन पर नक्सली हमले के बाद लखीसराय में सघन कांबिंग की गई। जिले में कजरा, पीरी बाजार एवं चानन थानों की पुलिस ने जंगल एवं पहाड़ी क्षेत्रों में संयुक्त रूप से कांबिंग की। इस अभियान का नेतृत्व एएसपी (अभियान) राजीव कुमार एवं लखीसराय के एसडीपीओ एसके विश्वास ने किया।
         आज  डीआईजी मुंगेर सुधांशु कुमार जिले के अधिकारियों के साथ बैठक किया । जिसमें नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस की सक्रियता को बढाकर नक्सल गतिबिधि पर रोक लगाने के लिए निर्णायक भुमिका निभाने का निर्देश दिया है।
    जिले स्थित किउल, तेतरहट एवं बन्नु बगीचा में शीघ्र ही नये थाना गठित किये जायेंगे पुलिस कप्तान ने तमाम थाना अध्यक्षो से जिले में अमन-चैन कायम रखने के लिए रात्रि गष्ती जारी रखने पर बल दिया।
        जिसमें पुलिस सर्तकता बरतते हुए दर्जनों नक्सल प्रभावित इलाकों में चैकसी बढा दिया है।  सर्तकर्ता के कारण नक्सली भी मौके की तलाश में है। जो कभी भी किसी भी समय  चोरी.छिपे अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकती है।

बाईट..सुधांशु कुमार...डीआईजी मुंगेर
   

ज्ञान-विज्ञान कैडर कैम्प

लखीसराय जिला के चानन प्रखण्ड मुख्यालय के मननपुर बाजार में दो दिवसीय ज्ञान-विज्ञान कैडर कैम्प का समापन हुआ।
 जिसमें बिहार के 11 जिला के प्रतिनिधियों ने भाग लिया । इस ज्ञान -विज्ञान शिविर में देश के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुआ जो विज्ञान से जुडा है। जो आम जन-जीवन में इसका महत्व रखता है। उसे किस तरह जीवन शैली में उतार कर गांव समाज और देश की दिशा और दशा सुधारने की एक प्रयास के लिए किया गया । इस अबसर पर भारत ज्ञान-विज्ञान समिति के राष्ट्ीय महासचिव श्रीमति आशा मिश्रा ने सभी प्रतिभागीयों को प्रशिक्षण दिया । और स्थानीय लोगों से हर मुहल्लों मेंज्ञान-विज्ञान की अलख जगाने के लिए सभी को प्रेरित किया ।
बाईट - श्रीमति आशा मिश्रा -राष्ट्ीय महासचिव भारत ज्ञान-विज्ञान समिति

Tuesday 3 December 2013

रेलवे की मनमानी

लखीसराय जिला के  कबैया थाना क्षेत्र के अर्जुन कुमार रेल सफर कर तारापीठ जा रहे थे। तभी रेलवे के जी0 आर0 पी0 जवानों ने उनसे टिकट का मांग किया । उन्हाने टिकट दिखाया भी लेकिन वो नहीं मानें। उनका गलती बस इतना था कि वो जल्दीबाजी में महिला कम्र्पाटमेन्ट में सवार हो गए थे। वो फाईन देने की बात किया । लेकिन वोनहीं माने। क्योकि इस फाईन नहीं नजायज तरीके से रूपया लेना चाह रहा था। अर्जुन बिना रसीद लिये किसी भी तरह का फाईन देने के पक्ष में नहीं था। बस उसकी पिटाई कर दिया और साहेबगंज स्टेशन पर उतार लिया । उसे हाजत में बन्द कर दिया । जबकी उसके पास टिकट था। फाईन लेकर छोडा जा सकता था। लेकिन रेलवे अधिकारी की मनमानी से सुबह से शाम तक बन्द रखा गया और शाम में रसीद देकर छोडा गया । इन सब पर अर्जुन ने रेलवे के वरिय अधिकारी को शिकायत किया । और मामला दर्ज करवा दिया ।
  अब हालत यह है। कि उसे रेलवे अधिकारीयों द्वारा धमकी मिल रहा है। कि केश उठा ले वरना महंगा पडेगा।

लखीसराय और किउल रेलवे थाना से फोन आता है। कि जल्दी केश उठा लो बरना तुम्हे किसी भी रेल डकैती  में नाम डाल दिया जा सकता है।
  अर्जुन इस बात से काफी परेशान है। रेल में इस तरह का खेल आए दिन रोज होता रहता है। और लोग चुप बैठ जाते है। कोई आवाज उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है।
   इस संदर्भ में जब रेलवे के अधिकारीयों से पुछा तो कुछ भी बताने से साफ-साफ इन्कार कर दिया ।
बाईट- अर्जुन कुमार - पिडित रेल यात्री

सचीन तेन्दुलकर सम्मान समारोह

लखीसराय जिला के  स्थानीय के0 आर0 के0 मैदान में जिला प्रशासन के तत्वाधान में भारत रत्न क्रिकेटर सचीन रमेश तेन्दुलकर सम्मान समारोह कार्यक्रम का शुभारम्भ बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री दामोदर रावत ने किया ।
 जिसमें बिहार राज्य स्तीय 20-20 क्रिकेट टुनामेन्ट का आयोजन किया गया । इस अबसर पर गुब्बारा उडाकर क्रिकेट टुनामेन्ट की शुरूआत किया गया जिसमें पहली पारी पटना जिला क्रिकेट संघ  और लखीसराय जिला क्रिकेट संध के बीच शुरू हो गया है। इस टुनामेन्ट में एस0 डी0ओ0 अंजनी कुमार और जिलाधिकारी अमरेन्द्र कुमार सिंह ने सचीन को भारत रत्न दिये जानेपर भारत सरकार को बधाई दिया । और आज सचीन सम्मान समारोह के अबसर पर राज्यस्तीय 20-20 क्रिकेट टुनामेन्ट का सभी खिलाडीयों को बधाई दिया ।
     V.O1 जिलाधिकारी अमरेन्द्र कुमार सिंह ने संम्बोधन में कहा की - लखीसराय और बिहार ही नहीं सचीन के नक्शेकदम चलकर देश और दुनिया में अनुशासन में रहकर सभी खिलाडी नाम रौशन करे।
Byte... अमरेन्द्र कुमार सिंह ...जिलाधिकारी

   V.O2... बिहार सरकार के भवन निर्माण  मंत्री दामोदर रावत ने संम्बोधन में बताया कि यह खेल देश की एकता और अखण्डता के परिचायक है। इस खेल से देश की मान-सम्मान बढा है। इस खेल के माध्यम से सुनील गावस्कर , कपिल देव, और सचिन देश के महानतम खिलाडी है। जो अनुशासन के साथ भारत की गरीमा को बचाये रखा । इसलिए इनका सम्मान जरूरी है। और इस खेल के माध्यम से बिहार के युवा भी अनुशासन के साथ अपनी पहचान बनाये। तभी सचीन की सम्मान में चार चाॅद लगेगा ।
Byte...दामोदर रावत...बिहार सरकार के भवन निर्माणमंत्री 

नक्सलियों के हमला बोल

बेखौफ हो चुके नक्सलियों ने  साहबगंज-दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला बोल दिया। पाटम स्थित सुरंग के पास हुए इस हमले में तीन जवान शहीद हो गए और एक अन्य घायल हो गया। हमले के दौरान नक्सली जीआरपी के जवानों के असलहे भी लूट ले गए। घटना शाम लगभग साढ़े छह बजे की है। सूचना मिलने पर रेलवे और सिविल पुलिस के तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे और जमालपुर में जवानों की लाश को उतारकर उनकी शिनाख्त कराई जा रही है। इस घटना के बाद से ट्रेन के यात्री काफी डरे सहमे हुए है।

 प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हमला उस समय हुआ, जब भागलपुर से पटना जा रही 3235 अप ट्रेन पाटम स्थित सुरंग में प्रवेश कर रही थी। अमूमन सुरंग में प्रवेश के दौरान ट्रेन की गति धीमी कर दी जाती है। यह ट्रेन भी जैसे ही धीमी हुई, अचानक सुरंग के पास पहाड़ियों से नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोलियां ट्रेन की अंतिम बोगी पर चलाई गईं थी। यह बोगी विकलांगो और महिलाओं के लिए थी। इस पर कुछ सामान्य यात्री भी थे और पुलिस के पांच जवान भी थे।
इधर नक्सलियों की फायरिंग होने पर इस बोगी में रहे जवानों ने भी मोर्चा संभाला तब तक ट्रेन रुक चुकी थी। जवानों ने भी जवाबी फायर किए। इस बीच नक्सलियों ने इन जवानों को लक्ष्य कर ताबड़तोड़ फायरिंग की और तीन जवानों के शहीद होते ही पुलिस वालों की ओर से फायरिंग बंद हो गई तो नक्सली फरार हो गए। इस दौरान उस बोगी के लोग कोई सीट के नीचे तो कोई कहीं दुबक गया। फायरिंग रुकने पर इसकी सूचना गार्ड और चालक ने अपने उच्चधिकारियों को देने के साथ ही जमालपुर स्टेशन को दी।
सूचना पर जमालपुर से फोर्स पहुंची और ट्रेन को जमालपुर स्टेशन लाया गया। जमालपुर स्टेशन पर उस बोगी में तीनों जवानों की लाशें पाई गईं और एक अन्य घायल पड़ा था। पांचवें जवान का पता नहीं चल सका और न ही इन जवानों के असलहे बोगी में मिले। इससे आशंका जताई जा रही है कि नक्सली हमले के दौरान जवानों के शहीद होने पर नक्सलियों ने उनके असलहे भी लूट लिए। इधर घायल जवान को तत्काल अस्पताल भेजा गया। यात्री इतना डरे सहमें है कि वे कुछ बोल भी नहीं पा रहे हैं। जमालपुर स्टेशन पर जीआरपी के अनुसार ट्रेन पर अशोक कुमार हवलदार जीआरपी की मौत हो गई है। दो अन्य शहीद जवानों की शिनाख्त कराई जा रही है। इस ट्रेन पर भागलपुर से भोलाकुमार ठाकुर, अशोक कुमार, उदय कुमार इम्तियाज अली और विनय कुमार एस्कार्ट पार्टी में थे। पुलिस के आलाधिकारी मामले की जांच के साथ यात्रियों को उनके गंतव्य तक भेजने की व्यवस्था में लगे हुए हैं।
बाईट- प्रत्यक्षदर्शी यात्री
बाईट- अधिकारी