.. किराये के भवन में चल रहा है केन्द्रीय विघालय
सूबे के 14 जिलों में स्थित केंद्रीय विद्यालय बंद हो सकते हैं।
ऐसे विद्यालयों को स्थापना के बाद भी जिला प्रशासन भूमि उपलब्ध नहीं
करा सका है। किराए के भवन में आधारभूत संरचना के अभाव में ये विद्यालय दशकों से संचालित हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की फटकार
के बाद केंद्रीय विद्यालय संगठन ने शैक्षिक सत्र 2013-14 से नामांकन पर रोक लगाते हुए विद्यालय बंद करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। लखीसराय केंद्रीय विद्यालय बंद होने का असार
है
गौरतलब है कि लखीसराय में 1987 में तत्कालीन सांसद
व केंद्रीय मंत्री कृष्णा शाही के प्रयास से केंद्रीय विद्यालय खुला था। स्थापना काल से ही श्री दुर्गा बालक उच्च विद्यालय के निचले भवन में विद्यालय संचालित हो रहा है। विद्यालय को स्थायी भवन एवं आधारभूत संरचना के विकास के लिए दस एकड़ भूमि की दरकार
है। इतने लंबे
सफर के बावजूद सत्ता के भागीदार रहे मंत्री, सांसद
एवं विधायक की इच्छाशक्ति के अभाव
एवं जिला प्रशासन की उदासीनता से विद्यालय के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं सकी। अब केंद्रीय विद्यालय संगठन ने विद्यालय के स्थानीय प्रबंधन को पहली कक्षा में नामांकन बंद करने
का नोटिस थमा दिया है। इससे
विद्यालय के भविष्य पर तलवार लटकने
लगी है।
केंद्रीय विद्यालयों में संगठन ने नामांकन पर रोक
विद्यालय सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दे रखा है, बिना
भूमि व भवन के कोई भी केंद्रीय विद्यालय संचालित नहीं
होगा। इस कारण
लखीसराय समेत राज्य
के 14 केंद्रीय विद्यालयों में संगठन ने नामांकन पर रोक लगा दिया है। विद्यालय प्रबंधन ने नामांकन पर रोक लगा देने संबंधित जानकारी विद्यालय के चेयरमैन व जिलाधिकारी, लखीसराय अमरेन्द्र प्रसाद सिंह को दे दी है।
इससे पूर्व भी कई स्थानों पर डीएम
ने जमीनों का चयन किया गया था।
मगर, केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कम जमीन
रहने के कारण
उन्हें अस्वीकार कर दिया। इस कारण
जमीन उपलब्ध कराने
में प्रशासन को देरी हो रही है।
लखीसराय केंद्रीय विद्यालय लखीसराय में नए शैक्षिक सत्र
में केंद्रीय विद्यालय संगठन
द्वारा नामांकन पर रोक लगाने तथा अबतक विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराए जाने
के कारण विद्यालय बंद होने की आशंका को लेकर
शहर के प्रबुद्धजन, शिक्षा प्रेमी, विद्यालय के छात्र-छात्राओं में घोर निराशा है तथा हर कोई इसके लिए सरकार व प्रशासन को दोषी मान रहा है। राजनीतिक दिग्गजों का क्षेत्र रहने के बावजूद जमीन खोजने में पहल नहीं करने
को लेकर लोगों
में काफी क्षोभ
है। अब जबकि
विद्यालय को अपनी
जमीन की तलाश
है ऐसे में जिला प्रशासन की सुस्ती विद्यालय के बंद होने के लिए काफी है।
V.O 1..जिला पदाधिकारी अमरेन्द्र प्रसाद सिंह
ने बताया, जमुई
मार्ग में शरमा
गांव स्थित श्री
बाबा ढेरनाथ महादेव सेवायत मठ की जमीन स्थानीय ट्रस्टी ने केंद्रीय विद्यालय के लिए देने का प्रस्ताव दिया है। जिसके महंत खेवन
गिरि उनके शिष्य
गोविन्द गिरि भी
धार्मिक न्यास परिषद
से स्वीकृति लेने का प्रयास किया
है। केन्द्रीय विधालय संगठन पटना संभाग
के उपायुक्त एम एस चैहान दिनांक 24 जनवरी को प्रस्तावित जमीन का स्थल निरीक्षण करने के बाद उसपर निर्णय लिया
जायेगा।
बाईट- अमरेन्द्र प्रसाद सिंह--
जिला पदाधिकारी
क्या कहते हैं लोग
V.O 2..प्रबुद्ध व्यवसायी छात्रों के अविभावक अनील
कुमार कहते हैं कि वर्तमान स्थिति के लिए प्रशासन और स्थानीय नागरिक भी जिम्मेदार हैं। किसी भी शिक्षण संस्थान से सबका
फायदा है। केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है। जनप्रतिनिधि को तो इससे मतलब
ही नहीं है।
बाईट- अनील कुमार- छात्रों के अविभावक
V.O 3..छात्रों के अविभावक मिथलेश कुमार
कहते हैं कि पांच वर्ष पूर्व
भी विद्यालय बंद होने की खबर पर हमलोगों ने एक कमेटी बनाई
थी। जमीन भी देखी गई लेकिन
प्रशासनिक स्तर पर तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा कभी सार्थक प्रयास नहीं
किया गया। जिसके
कारण आजतक जमीन
नहीं मिली। विद्यालय का अस्तित्व बना रहे इसके लिए सभी की जिम्मेदारी बनती है।
बाईट- मिथलेश कुमार - छात्रों के अविभावक