लखीसराय जिला के किउल नदी पर बना रेलवेपुल की हालत काफी जर्जर हो चुका है। यह पुल अंगेजी हुकुमत ने 1910 ई0 में THE HORSELEY CO. LTD TIPTON ENGLAND 9x45.72Metres का लम्बा पुल बनाया था । जो लखीसराय शहर कोकिउल जंक्शन से जोडता है। जहां से हबडा जं0 और भागपुर जं0 के लिए दर्जनों गाडी खुलती है। जबकी लखीसराय से पटना जं0 , दिल्ली , बरौनी ,दरभंगा और गया जं0 के लिए दो लाईन जाती है। प्रतिदिन इसी जर्जर किउल नदी पर बना रेलवे पुल से 3 दर्जन गाडी तेज रफतार में चलती है। पुल का आयु मात्र 90 बर्ष अंग्रेजों ने निर्धारित कर दिया था । किउल रेलवे पुल का बास्तविक उम्र 103 बर्ष हो जाने के बाबजुद रेल प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। जब पहली बार मिडिया ने 2009 में इसी रेल पुल की सभी 16 पाया पर लगेलोहे का सडा हुआ ऐंगल दिखाया था। तो सरकार ने नये पुल का निर्माण का टेंडर निकाला था । जिसे ए क कं0 ने नर्ये ि सरे से ठिका लेकर कार्य भी करना शुरू कर दिया था और फिर लोगों में आश जगी थी कि अब पुल बन जायेगा । ज्ञात हो कि पुल निर्माण बर्ष 2011 में पुरा हो जाने का लक्ष्य भी था । अब 2012 भी खत्म हो गया । और अब 2013 शुरूआत है। पुल निर्माता काफी धीमें गति से निर्माण कार्य में लगा है। पुल का लोहे का हर ऐंगल सड चुका है। पुल पर बना आम लोगों के लिए पैदल पथ के लिए लगा सिमेंट का सिलिप भी जर्जर हो चुका है।
इस पैदल पथ में भी दर्जनों लोग शिकार हो चुके है। अगर जिला प्रशासन और रेल प्रशासन समय रहतेकोईध्यान नहीं दिया तो कभी भी कोई बडी दुर्धटना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
बाईट- एल0 के0 ठाकुर- किउल रेल वे स्टेशन प्रबंधक
बाईट- गुडडु अग्रवाल - यात्री
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