लखीसराय शहर में नगर परिषद के वार्ड न0 27 में दो साल पहले 3 लाख 55 हजार रू0 में महात्मा गांधी रोड किनारे मानसिंघा पैन पर सुरक्षा दिवार बनाई गई थी। जो आज उसे तोडकर उसी जगह पर 5 लाख रू0 की लागत से नाला बनाने की योजना है। नगर परिषद में राशि की हो रही है बर्बादी। अधिकारी लापारवाह है। बिना स्थल का जांच कियें एक ही जगह पर ठिकेदारी के लिए बार-बार टेंडर निकाली जा रही है।लखीसराय नगर परिषद का खुला पोल ।
ज्ञात हो कि नगर पालिका अधिनियम के तहत किसी जगह पर जब कोई पहले से काम हो गया हो वहां संवेदक और अधिकारी पाॅच साल तक उसकी देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करेगें। लेकिन यहां तो ठिकेदारी कर अबैध रूप से मोटा रू0 का लुट करना नियति बन गया है। एक ऐसा ही मामला है। शहर के मुख्य सडक किनारे महात्मा गांधी रोड में- जहां बर्ष 2010-2011 मे मानसिंधा पैन की जल जमाव से निजात पाने के लिए सुरक्षा दिवार बनाने की योजना नगर परिषद वोर्ड की बैठक में सर्वसम्मिति से पारित हुआ और विभागीय टेंडर निकालकर 3 लाख 55 हजार रू0 से बनाई गई थी । जो आज उस दिवार को तोडा जा रहा है। और बहीं पर 5 लाख 70 हजार की लागत से अब नाली बनाने की योजना है। कुल मिला कर देखा जाय तो यह सरासर रूपाया की बर्बादी हो रही है।
बाईट- अरविन्द कुमार - पूर्व उपसभापति नगर परिषद
बाईट- पवन कुमार सिंह - संवेदक
बाईट- चन्द्रशेखर नारायण - कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद
ज्ञात हो कि नगर पालिका अधिनियम के तहत किसी जगह पर जब कोई पहले से काम हो गया हो वहां संवेदक और अधिकारी पाॅच साल तक उसकी देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करेगें। लेकिन यहां तो ठिकेदारी कर अबैध रूप से मोटा रू0 का लुट करना नियति बन गया है। एक ऐसा ही मामला है। शहर के मुख्य सडक किनारे महात्मा गांधी रोड में- जहां बर्ष 2010-2011 मे मानसिंधा पैन की जल जमाव से निजात पाने के लिए सुरक्षा दिवार बनाने की योजना नगर परिषद वोर्ड की बैठक में सर्वसम्मिति से पारित हुआ और विभागीय टेंडर निकालकर 3 लाख 55 हजार रू0 से बनाई गई थी । जो आज उस दिवार को तोडा जा रहा है। और बहीं पर 5 लाख 70 हजार की लागत से अब नाली बनाने की योजना है। कुल मिला कर देखा जाय तो यह सरासर रूपाया की बर्बादी हो रही है।
बाईट- अरविन्द कुमार - पूर्व उपसभापति नगर परिषद
बाईट- पवन कुमार सिंह - संवेदक
बाईट- चन्द्रशेखर नारायण - कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद