BREKING NEWS

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Saturday 11 May 2013

पानी का हाहाकार

लखीसराय जिला के लालीपहाडी व काली पहाडी में पानी का अभाव ...बालु.खेादकर निकालते पानी


लखीसराय  गर्मी की आहट पाते ही चापाकल व कुआं के सूख जाने से जिले के जंगली.पहाड़ी क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। लोगों के कंठ सूखने लगे हैं। प्यास बुझाने के लिए लोगों को दो से चार किलोमीटर की दूरी तय कर पानी लाना पड़ रहा है। तपतपाती गर्मी में जलस्तर नीचे चले जाने के कारण जिला के लाली पहाडी और काली पहाडी निवासीयों के लिए पानी का हाहाकार मचना शुरू हो गया है।
अहले सुबह से ही सुर्य की तपिश से लागो को धर से निकलना दुश्वार हो गया है। रोजमर्रे एव जरूरत के कामों के लिए निकलने बाला लोग एक.एक बुंद पानी के बिना तरस रहे है।
लखीसराय जिला के लालीपहाडी व काली पहाडी में अभी से ही कुआॅ और 3 मार्ग सेक्सन के चापाकल का लेयर भाग गया है जिससे पानी का अभाव हो गया है और भयंकर जल का संकट उत्पन्न हो गया है । अब यहाॅ के लोग किउल की सुखी नदी से प्यास बुझाने के लिए पानी की व्यवस्था  बालु.खेादकर चुआॅ से पानी निकालकर जीवन बचाने की संघर्ष कर रहा है लगातार दो बर्षो से सुखाड आने से भगवान भी पानी की बर्षा करना छोड दिया है जिससे यहाॅ का कॅुआ ए चापाकल ए और किउल नदी भी अब सुख गया है । पहले लखीसराय जिला के जंगलों और पहाडों के कन्द्राओं से पानी आ जाया करता था लेकिन अब 4 से 5 बर्षो से इस नदी में पानी का नसीव नहीं है जिससे यह नदी अब नाला बनकर रह गया है। आज भी हजारों गरीब परिवार के लोग इसी सुखी नदी से बालु को खोद.खोदकर पानी निकाल कर अपने प्यास और घर की सारी कामों को निपटाती है । पहाडी इलाका होने के कारण यहाॅ सरकारी मशीन द्वारा पानी की भी व्यवस्था नहीं हो पाता है अभी से ही सुखी नदी से बालु को खोदने के बाद भी कहीं.कहीं पानी नहीं निकल पाता है काफी  बालु.खेादकर लोग सैकडों की संख्या में लालीपहाडी व काली पहाडी के लोग रोज इसी सुखी नदी से पानी के लिए जाती है  और कुछ लोग सार्वजनिक कुआॅ पर पानी के लिए नम्बर लगाकर लेते है जो कुछ घण्टो में शेष हो जाता है और पानी.पानी के लिए व्याकुल होकर कभी . कभी यहाॅ के लोग अपना दम तक तोड देते है और जिला प्रशासन मरने बालों को कबीर अन्तेष्ठी के तहत 1500 रू0 देकर अपना पल्ला झार लेती है ।
      लखीसराय नगर प्रशासन और जिला प्रशासन के द्वारा 3 बार इस इलाका के लिए टेंडर निकाल कर पानी का संकट से निजात दिलाने की प्रयास तो किया गया लेकिन प्रशासनिक लापारवाही के कारण तीनों बार टेंडर कैन्सिल हो गया और यह संकट जस की तस बनी रह गई । बर्ष 2005.2006 में 49 लाख 72 हजार रूपया का टेंडर हुआ । बर्ष 2009.2010 में 2 करोड 59 लाख रूपया का आवंटन किया गया जो टेंडर में कम राशि होने के कारण फिर कैसिल हो गया ।
स्थानीय जद यु के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह लगातार जब भी शहर में आते है। तो पहाड पर पानी टंकी देने की बात कहकर ताली की गुज सुन कर खुश हो जाते है। और यहां से जाने के बाद भुल जाते है। सांसद के द्वारा 10 बर्षो में यहां 4 बार पानी टंकी बनाने की योजना कागजो पर तय किया जा चुका है। लेकिन हर बार जनता के साथ धोखा हो रहा है। पुन तीसरी बार 7 करोड की लागत से जल मिनार बनाने के लिए जल निगम पटना को भेजा जा चुका है जो आज तक अधर में लटका है ।
V.O1... लखीसराय एस0डी0ओ0 अंजनी कुमार पानी की किल्लत दुर करने की बात करते है लेकिन धरातल पर कहीं कोई टैंकर से पानी की व्यवस्था नहीं किया गया है। सार्वजनिक कुआं सुख गया है। चापाकल स्वास ले रही है। लोग पानी के बिना मर.मर कर जी रहे है।
बाईट 1 - Anjani kumar- अनुमंडल पदाधिकारी
बाईट 2 - मोती साव..प्रभावित
बाईट-3 Sanju devi...प्रभावित परिवार
बाईट-4 Neelam Devi..प्रभावित परिवार
बाईट-5 Savitree Devi..प्रभावित परिवार
संवाददाता - रणजीत कुमार सम्राट - लखीसराय - बिहार - मो0- 99552 17600


Friday 10 May 2013

मछली उत्पादन में फिसड्डी


बिहार सरकार के पशु एवं मतस्य विभाग के मंत्री गिरिराज सिंह का गृह जिला लखीसराय है। वो यहां मतस्य पालन के लिए लखीसराय को बिहार का हब बनाने की परिकल्पना किया है। ज्ञात हो कि यहां 205 तालाब है। जिसमें जिला मुख्यालय में 52 तालाब है।

 जहां मात्र 4 तालाब में मतस्य पालन के लिए मछली का बीर्यजीरा डाला गया है। बाकी सभी तालाब में सिंघाडा की फसल उगाया जा रहा है। कुछ तालाब को मंत्री जी द्वारा नये सिरे से नया तालाब का निर्माण करवाया जा रहा है। और उसमें खुदाई के नामपर पानी डालने के नामपर रूपया की बन्दरबांट अधिकारीयों के मिलीभगत से किय  ा जा रहा है। जबकी पहले से जिलाभर में 205 तालाब अपडेट है फिर भी नया तालाब बनाया जा रहा है। मछली पालन के नामपर बिहार में बहुत बडी घोटाला का उजागर हो सकता है।
मत्स्य विभाग के मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के तमाम प्रयासों के बावजूद लखीसराय जिला इस मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है। जिले में मछली का वार्षिक खपत 56,041 क्विंटल है। परंतु यहां मात्र 4,500 क्विंटल ही मछली का वार्षिक उत्पादन हो पा रहा है। इस तरह आंध्रप्रदेश सहित अन्य प्रदेशों से 51,541 क्विंटल वार्षिक चलानी मछलियां मंगाकर भरपाई की जा रही है। लोग दस से पंद्रह दिन की रखी मछलियों का सेवन कर कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
 वहीं ताजी व सुस्वादु मछलियां लोगों की थाली से दिनानुदिन दूर होती जा रही है। कहने को तो जिले में गंगा नदी सहित किऊल, हरोहर, गरखै के अलावे सैकड़ों तालाब हैं। परंतु नदियों एवं तालाबों में मछलियों की संख्या में कमी होती जा रही है। बाजारों में अब यदा-कदा ही ताजी मछलियां देखने को मिलती है। यही स्थिति कमोवेश पूरे बिहार की है। पूरे बिहार में मछली की वार्षिक खपत 05.20 लाख टन है परंतु वार्षिक उत्पादन मात्र 3.44 लाख टन ही है। हालांकि मत्स्य विभाग द्वारा जिले में छह वेराईटी की मछलियों का उत्पादन करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है जिसमें तीन देसी भेराईटी रेहू, कतला एवं नैनी (मिगरगल) एवं तीन विदेशी भेराईटी ग्रास, सिल्वर एवं कॉमन कार्प शामिल है।
 इसके अलावे पंगेसिएस मत्स्य पालन योजना के तहत जिले में 43 एकड़ तालाब में पंगेसिएस मछली उत्पादन करने की तैयारी की जा रही है। मत्स्य प्रसार पदाधिकारी रणजीत कुमार की मानें तो आने वाले समय में जिले में 4,500 क्विंटल से बढ़कर 9,220 क्विंटल वार्षिक मछली का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फसल की सुरक्षा को ले फसलों में किए गए कीटनाशी दवा एवं रासायनिक उर्वरक का प्रयोग मछली के लिए घातक साबित हो रहा है। कीटनाशी एवं रासायनिक उर्वरक का प्रभाव जमीन में रह जाता है जो बरसात के दिनों में पानी के साथ बहकर नदी एवं तालाब में चली जाती है। कीटनाशी दवा एवं रासायनिक उर्वरक के प्रभाव से नदी एवं तालाब में मछलियों के अंडे नष्ट हो जाते हैं। जिससे मछलियों के उत्पादन में कमी होती जा रही है।

इंडियन रिर्जव बटालियन-4 के सुधीर शहीद


लखीसराय जिला के चानन थाना क्षेत्र के नया टोला रामपुर के तेज-तर्रार युवा सुधीर कुमार विगत 2 साल पहले इंडियन रिर्जव बटालियन-4 में ज्वाइंन किया था। तब उसके परिवारवालों में खुशी का ठिकाना नहीं था। गरीबी और मुफलिशी में पढाई कर धर का एकलौता कमाउ बारिश धर को चला रहा था । अचानक रामपुर स्थित नया टोला घर में जैसे ही उसका लाश बटालियन के साथीयों ने लाया तो कोहराम मच गया ।
 ज्ञात हो कि झारखण्ड प्रदेश के गुमला में  इंडियन रिर्जव बटालियन-4 मेंसुधीर कुमार नौकरी कर रहा था। दिनांक 08-05-13 झारखण्ड प्रदेश के कामगाडा थाना क्षेत्र खंुटी बाजार स्थित गुमला-सिमडेगा मुख्यमार्ग पर  डियुटी के दौरान बेलगाम ट्क जोरदार धक्का मारा जिससे धटनास्थल पर ही 5 साथी जवानों के साथ शहीद हो गया ।
आज बटालियन के अन्य साथीयो ने उसका लाश लेकर धर आया तोहजारोंलोगों लाश देखकर मर्माहत हो गए। धर बालों का रो-रोकर हाल बुरा है।

लोक सेवा अधिकार में घुस


लखीसराय जिला के सभी लोक सेवा अधिकार कार्यालय बाहर से बन्द रहता है। और अन्दर में ही खिचडी पकती है। जिला के लखीसराय प्रखण्ड कार्यालय के सी0ओ0 साहब दिनेश सिंह प्रत्येक अभ्यर्थियों से 200 रू0 घुस लेने बाद ही जाति प्रमाण प्रपत्र , आय प्रमाण प्रपत्र, अवासीय प्रमाण प्रपत्र देते है।
 जो नहीं देता है वो 21 दिन के बाद भी महीनों ब्लाक और जिला समाहारणालय के चक्कर काटते रहते है।
 सभी लोगों को काफी परेशानी हो रहा है। इस संदर्भ मेंसी0ओ0साहब कुछ भी बताने से साफ इन्कार करते है।

महारूद्र यज्ञ का पूर्णाहुति


लखीसराय  थाना क्षेत्र के  पुराना बजार महावीर स्थान स्थित किउल नदी के तट पर देर रात 11 दिवसीय महारूद्र यज्ञ में जमकर मारपीट हुआ । आज अहले सुबह शान्ति-स्नेह और सद्भाव के साथ यज्ञ का पूर्णाहुति हो गया और लोगोंने सात्विक और श्रद्वा के साथ यज्ञ का प्रसाद ग्रहण किया । लखीसराय किउल नदी के तट पर अहले सुबह से ही 11 दिवसीय महारूद्र यज्ञ का होगा पूर्णाहुति । महारूद्र यज्ञ वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विश्व कल्याण के लिए किये जा रहे थे । आज के दिन  समापन हो गया  ।

Thursday 9 May 2013

Breaking News..09.05.13


Lakhisarai Se
Breaking News..09.05.13
1   लखीसराय  थाना क्षेत्र के  पुराना बजार महावीर स्थान स्थित किउल नदी के तट पर 11 दिवसीय महारूद्र यज्ञ में जमकर हो रहा है मारपीट 4 लोग गंभीर रूप से धायल । मेला में मची भगदड । धटना स्थल पर पुलिस पहंुची ।

बालू घाट कभी भी हो सकती है लाल


किऊल नदी के बालू घाट की नई बंदोबस्ती के बाद बालू उठाव को लेकर लखीसराय व जमुई जिले की सीमा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दोनों जिले के सीमांकन को लेकर दोनों जिलों के खनिज विकास पदाधिकारी के नेतृत्व में अंचलाधिकारी, अंचल निरीक्षक एवं अंचल अमीन के द्वारा पुलिस अभिरक्षा में मापी का कार्य शुरू किया गया। जिसमें किऊल नदी स्थित भलूई घाट से मंझवे गांव स्थित जमुई-लखीसराय मुख्य सड़क तक की पैमाइस की गई।
जिलाधिकारी रामरूप सिंह की अध्यक्षता में क्रय समिति की बैठक में विभाग द्वारा तय निर्देश और शर्त के तहत निविदा प्रक्रिया में एक मात्र वीडर के रूप में बड़हिया के सुजीत कुमार के नाम किऊल नदी बालू घाट की बंदोबस्ती (1.04.2013 से 31.12.2013 तक के लिए) किऊल नदी बालू घाट की बंदोबस्ती सुरक्षित राशि से बीस फीसद बढ़ाकर छह करोड़ 81 लाख 93 हजार 735 रुपए में की गई। वीडर द्वारा बंदोबस्ती के लिए विभाग द्वारा तय अग्रधन राशि के रूप में 68 लाख 20 हजार रुपये की राशि जमा की गई।
                     लखीसराय  शहर के बालू घाट के किनारे की रैयती जमीन कभी भी लाल हो सकती है। ऐसी स्थिति बालू एवं मिट्टी खनन को अवैध करार देते हुए जिला प्रशासन द्वारा खनन पर पूर्णत: रोक लगा दिए जाने के कारण उत्पन्न हुई है। बालू घाट से सात ट्रैक्टर को जब्त कर प्राथमिकी दर्ज कर ली है। प्रशासन की इस सख्ती से एवं रैयती जमीन से खनन पर प्रतिबंध लगाने के बाद रैयत किसानों एवं मजदूरों में प्रशासन के प्रति नाराजगी देखी जा रही है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि एक साजिश के तहत प्रशासन यह कार्रवाई की है। सूत्र बताते हैं कि किशनपुर बालू घाट पर प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के पीछे कुछ सफेदपोश लोगों के हाथ हैं। बालू घाट की रैयती जमीन कभी भी लाल हो सकती है। रैयत किसानों का आक्रोश भीतर ही भीतर सुलग रहा है। किसानों की मानें तो रैयती जमीन पर बालू का फैलाव बढ़ जाने एवं उपजाऊ भूमि बंजर हो जाने के बाद  रैयत मिट्टी व बालू काटकर उसे बेचकर अपना जीवनयापन करने लगे। रोजी-रोटी की जुगाड़ नहीं होने पर पेट की ज्वाला चिंगारी बनकर कहीं फूट पड़ी तो प्रशासन के लिए भी चुनौती होगी। फिलहाल प्रशासनिक स्तर पर इस पूरे मामले पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
लखीसराय  के नोनगढ़ गांव स्थित किऊल नदी के बालू घाट पर तैनात मुंशी सुनील यादव पर पूर्व विधायक व उनके गुर्गो ने जानलेवा हमला , बेरहमी से पीट कर अधमरा कर उसके पास मौजूद 2.35 लाख रुपये लूट लिए।  हलसी थाना क्षेत्र के नोनगढ़ गांव स्थित किऊल नदी के बालू घाट पर तैनात मुंशी सुनील यादव पर पूर्व विधायक व उनके गुर्गो ने रात जानलेवा हमला किया। उसे बेरहमी से पीट कर अधमरा कर दिया। उसके पास मौजूद 2.35 लाख रुपये लूट लिए। दो करोड़ की रंगदारी भी मांगी। घटना का कारण वर्चस्व की लड़ाई बताया जा रहा है। हमलावर बालू घाट को चलने न देने की धमकी देकर वाहनों पर सवार होकर भाग गए। इसमें सूर्यगढ़ा के पूर्व विधायक व राजद के जिलाध्यक्ष प्रहलाद यादव समेत राजू गुप्ता व एक अन्य समेत 20-25 अज्ञात हमलावरों को अभियुक्त बनाया गया है। घटना के बाद बालू घाट को लेकर छिड़ी जंग और बढ़ने के आसार हैं। घटना का कारण वर्चस्व की लड़ाई बताया जा रहा है।
V.0 1..सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व राजद विधायक प्रहलाद यादव का कहना है ...बालू घाट के संवेदक के साथ मारपीट करने, 2.35 लाख रुपये लूटने एवं दो करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप बेबुनियाद और सत्य से परे है। यह राजनीति से प्रेरित होकर छवि धूमिल करने का कुत्सित प्रयास है।
 सत्ता पक्ष के लोगों ने उनके दामन पर दाग लगाने की साजिश रची है। उन्हें लखीसराय के बालू घाट अथवा उससे जुड़े लोगों से कोई मतलब भी नहीं है। उन्होंने कहा, वे हाल ही में गंभीर बीमारी का इलाज कराकर लौटे हैं। डॉक्टर की सलाह पर पूर्ण रूप से बेड रेस्ट पर हैं। इस बात को जिले के लोग अच्छी तरह से जानते हैं। ऐसे में उनके द्वारा नोनगढ़ बालू घाट पर जाकर मारपीट, लूट और रंगदारी मांगी जाना हास्यास्पद बात है

पानी का संकट

लखीसराय जिला के लालीपहाडी व काली पहाडी में पानी का अभाव ....बालु-खेादकर निकालते पानी
लखीसराय जिला के लालीपहाडी व काली पहाडी में अभी से ही कुआॅ और 3 मार्ग सेक्सन के चापाकल का लेयर भाग गया है जिससे पानी का अभाव हो गया है और भयंकर जल का संकट उत्पन्न हो गया है । अब यहाॅ के लोग किउल की सुखी नदी से प्यास बुझाने के लिए पानी की व्यवस्था  बालु-खेादकर चुआॅ से पानी निकालकर जीवन बचाने की संघर्ष कर रहा है लगातार दो बर्षो से सुखाड आने से भगवान भी पानी की बर्षा करना छोड दिया है जिससे यहाॅ का कॅुआ , चापाकल , और किउल नदी भी अब सुख गया है । पहले लखीसराय जिला के जंगलों और पहाडों के कन्द्राओं से पानी आ जाया करता था लेकिन अब 4 से 5 बर्षो से इस नदी में पानी का नसीव नहीं है जिससे यह नदी अब नाला बनकर रह गया है। आज भी हजारों गरीब परिवार के लोग इसी सुखी नदी से बालु को खोद-खोदकर पानी निकाल कर अपने प्यास और घर की सारी कामों को निपटाती है । पहाडी इलाका होने के कारण यहाॅ सरकारी मशीन द्वारा पानी की भी व्यवस्था नहीं हो पाता है अभी से ही सुखी नदी से बालु को खोदने के बाद भी कहीं-कहीं पानी नहीं निकल पाता है काफी  बालु-खेादकर लोग सैकडों की संख्या में लालीपहाडी व काली पहाडी के लोग रोज इसी सुखी नदी से पानी के लिए जाती है 
 और कुछ लोग सार्वजनिक कुआॅ पर पानी के लिए नम्बर लगाकर लेते है जो कुछ घण्टो में शेष हो जाता है और पानी-पानी के लिए व्याकुल होकर कभी - कभी यहाॅ के लोग अपना दम तक तोड देते है
 और जिला प्रशासन मरने बालों को कबीर अन्तेष्ठी के तहत 1500 रू0 देकर अपना पल्ला झार लेती है । 
      लखीसराय नगर प्रशासन और जिला प्रशासन के द्वारा 3 बार इस इलाका के लिए टेंडर निकाल कर पानी का संकट से निजात दिलाने की प्रयास तो किया गया लेकिन प्रशासनिक लापारवाही के कारण तीनों बार टेंडर कैन्सिल हो गया और यह संकट जस की तस बनी रह गई । बर्ष 2005-2006 में 49 लाख 72 हजार रूपया का टेंडर हुआ । बर्ष 2009-2010 में 2 करोड 59 लाख रूपया का आवंटन किया गया जो टेंडर में कम राशि होने के कारण फिर कैसिल हो गया । पुन तीसरी बार 7 करोड की लागत से जल मिनार बनाने के लिए जल निगम पटना को भेजा जा चुका है जो आज तक अधर में लटका है ।

Sunday 5 May 2013

सदर अस्पाताल बेखबर


लखीसराय सदर अस्पाताल में कहने को तो 100 वेड है। लेकिन व्यवस्था के नामपर कुछ भी सही नहीं है। मरीजो को वेड पर विस्तर रोज बदला नहीं जाता है। मच्छरदानी नहीं है। और तो और दवा की काफी कमी है । हर मरीजों को बाजार के दवा दुकान से दवा लानी पडती है ।सदर अस्पाताल में सिविल सर्जन शशीभुषण सिंह सप्ताह में मात्र 2 दिन ही डियुटी देते है। बाकी दिन वो अपने अबासीय नर्सिंग होम में समय देते है। महिला डाक्टर का अभाव है। नर्स से ही प्रसव कार्य जैसे-तैसे निवटाया जा रहा है। फोर्थ ग्रेड का कर्मचारी मरहम पटटी और अन्य कार्य करते है। एक्सरा मशीन, खुन जांच, दांत जांच,आदि तो केबल खानापूर्ति के लिए केबल हाथी का दांत सावित हो रहा है।
                                    स्वस्थ समाज विकसित करने तथा विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद विभाग बेखबर है। स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति में सुधार होने का नाम नहीं ले रहा है। रोगी के घंटों इन्तजार के बाद भी दिन के ग्यारह बजे तक एक भी डॉक्टर नहीं आए।
 प्रतीक्षा कर रहे रोगियों ने चिकित्सक की लापरवाही पर क्षोभ व्यक्त करते हुए विभाग के वरीय पदाधिकारी से चिकित्सा सुविधा में सुधार लाने की मांग की।
जबकी विगत माह में पटना से आए जांच दल ने  जांच किया तो पाया कि- सदर अस्पाताल में दवाईयों की कमी पाई गई। वेडसीट और मच्छरदानी का अभाव पाया गया  । बिहार सरकार के मंत्री अश्विनी चैबे ने विगत दिनों स्वास्थ्य शिविर में कहा था कि -कुछ ही दिनों में व्यवस्था में सुधार हो जाय ेगी । और अस्पाताल  कर्मी को फटकार भी लगाया था ।  सिविल सर्जन पर कई आरोप भी लगें । फिर भी स्थिति जस की तस है।
बाईट-शशीभुषण सिंह ....सिविल सर्जन
बाईट- विनय कुमार- मरीज
बाईट-महेश कुमार- मरीज

लखीसराय मंडलकारा


 लखीसराय जिला मंडलकारा में  लूट, हत्या, अपहरण, रंगदारी आदि संगीन आपराधिक मामलों में लखीसराय जेल में बंद आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक साथ तीस कैदियों को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विशेष केंद्रीय कारा भागलपुर भेजा गया। कैदियों के स्थानांतरण किए जाने को लेकर कुछ दबंग कैदियों ने जेल प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।

Friday 3 May 2013

पेयजल की गंभीर समस्या


लखीसराय : गर्मी की आहट पाते ही चापाकल व कुआं के सूख जाने से जिले के जंगली-पहाड़ी क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। लोगों के कंठ सूखने लगे हैं।
 प्यास बुझाने के लिए लोगों को दो से चार किलोमीटर की दूरी तय कर पानी लाना पड़ रहा है। पीएचईडी विभाग द्वारा पेयजल की समस्या से जूझने वाले सूर्यगढ़ा प्रखंड के धबोखर, लहसोरवा, खैरा, मंझियावा, बंगाली बांध, पूनाडीह, नवकाडीह, टाली कोड़ासी, बरियासन, सूअरकोल, सिमरातरी, कानीमोह आदि एवं चानन प्रखंड के गोबरदाहा, चेरांव, बासकुंड, कछुआ, महजनमा, सतघरवा, जगुआजोर सहित 25 गांवों को चिन्हित किया है। ऐसे गांवों में टैंकर से पेयजल उपलब्ध कराया जाना है।
जिले के 25 गांवों में पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई है। उक्त सभी गांवों में कम से कम दो माह तक प्रतिदिन कम से कम एक टैंकर पेयजल भेजना जरूरी है। पीएचईडी विभाग को प्रति टैंकर पानी भेजने पर कम से कम दो हजार रुपए खर्च होगा । इस तरह 25 गांवों में टैंकर से पानी पहुंचाने पर प्रतिदिन पचास हजार रुपए खर्च होगा । विभागीय आदेश के बाद ही इतनी अधिक राशि खर्च की जा सकेगी।
पेयजल की समस्या के कारण
जंगली पहाड़ी क्षेत्र के गांवों में जमीन के नीचे दलदल पाया जाता है। कुछ जगहों पर जमीन के नीचे पहाड़ भी मिलता है। इस कारण चापाकल व कुआं सफल नहीं हो पाता है तथा गर्मी के मौसम में पानी का सतह नीचे चले जाने पर चापाकल व कुआं सूख जाता है।

भगवान भरोसे विधालय


लखीसराय जिला के कुल 735 सरकारी प्राथमिक स्कुलों में छात्र बिना कोई किताब के पढने को मजबुर है। अप्रेल महिना खत्म हो चुका है। फिर भी छात्र-छात्राओं को बिहार सरकार पाठ्य क्रम के तहत मुफत मे मिलने बाली पुस्तक नही मिल पाया है। छात्र-छात्रा और शिक्षक सभी इन्तजार में है। तब तक जैसे-तैसे भगवान भरोसे विधालय का पठन-पाठन कार्य जारी है। यही हाल है शहर के श्री दुर्गा मध्य विघालय लखीसराय और नवसृजित प्राथिक विधालय हनुमान नगर के छात्र-छात्रा दोनो परेशान है।

Thursday 2 May 2013

फर्जी बैंक

 कोलकाता चिट फंड कंपनी में छापेमारी होने के बाद लखीसराय जिला के दर्जनों फर्जी बैंक  पर पुलिस प्रशासन ने चिन्हत कर छापेमारी करना शुरू कर दिया है। कोलकाता से फर्जी रजिस्टर्ड दर्जनों चिट फंड कंम्पनी आज लखीसराय के बेरोजगार युवकों को बरगला कर नौकरी दे रही है। और गां व के भाले-भाले लोगों से एक का 5 साल में दुगुना कर देने की लोभ देकर मोटी रकम जमा करवा लेते है। और जब बडी राशि जमा हो जाता है। तो उपभोक्ताओं को रू0 देनें में टाल-मटोल कर फिर से 10 साल में तिगुना करने की सपना दिखाकर रू0 ठग रहा है। और आम लोग ठगी का शिकार हो रहें है।
 आज देर रात शहर के मुख्य सडक स्थित सोमर साव मार्केट के उपरी तल्ला में रामेल इण्डस्टीज लि0 नाम का फर्जी बैंक विगत 2 साल से चल रही थी । जब लखीसराय के एस0डी0पी0ओ0 सुबोध कुमार विश्वास के नेतृत्व में छापेमारी किया गया तो यह प्राइबेट फर्जी बैंक पाया गया । जहां कुल- 7000 हजार उपभोक्ताओं की खाता है। जिसमें लगभग करोडों रू0 जमा है। पुलिस बैंक के मैनेजर - प्रभात रंजन, कैशियर-लक्षमीकान्त , डाटा इंट्ी आपरेटर- नीरज शर्मा और वितीय सलाहकार- राकेश रौशन को हिरासत मे लेकर पुछताछ कर रही है। बैंक को सील कर दिया गया है। कुछ कागजात और नकदी जप्तकर कानुनी कार्रवाई किया जा रहा है।

Wednesday 1 May 2013

पलायान


लखीसराय जिला के सैकडों मजदुर काम के अभाव में बिहार प्रदेश को छोड कर अन्य राज्यों में मजदुरी के लिए पलायान कर रही है ।
आज लखीसराय रेलवे स्टेशन पर जब मिडिया ने कुछ मजदुरों से मुखातिब हुआ तो बताया कि वो बिहार सरकार की व्यवस्था से खुश नहीं है । उन्हे काम नहीं मिल पा रहा है ।
 इसलिए वो पुरे परिवार बाल-बच्चों सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और मुबई के लिए ट्ेन पकडने आया है। क्योंकि बिहार में रहकर उन्हे तीनो पहर खाने को अनाज तक मयस्सर नहीं हो पा रहा है ।
 जबकी बिहार सरकार कोरा कागज के पन्नों पर विकास की बात करते है । महादलितों और अतिपिछडा के नाम पर अरबों-खरबों रू0 आफिसर और नेताओं के बीच बन्दरबांट कर लिया गया है। लेकिन धरातल पर कहीं किसी गरीबों के साथ न्याय नहीं मिली है। एक तरफ बिहार सरकार मजदुरों को काम देने की लम्बी-चैडी भाषण देते है। बिहार में काम की कमी नहीं है। पलायन रूक गया है। लेकिन बिहार के सभी रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन सैकडों मजदुरों का पलायान जारी है।
आज मजदुर दिवस है। फिर भी सरकार केबल भाषण तो दे रही है। लेकिन मजदुरों को राशन मुहैया कराने में विफल है।