लखीसराय जिला के लालीपहाडी व काली पहाडी में पानी का अभाव ...बालु.खेादकर निकालते पानी
लखीसराय गर्मी की आहट पाते ही चापाकल व कुआं के सूख जाने से जिले के जंगली.पहाड़ी क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। लोगों के कंठ सूखने लगे हैं। प्यास बुझाने के लिए लोगों को दो से चार किलोमीटर की दूरी तय कर पानी लाना पड़ रहा है। तपतपाती गर्मी में जलस्तर नीचे चले जाने के कारण जिला के लाली पहाडी और काली पहाडी निवासीयों के लिए पानी का हाहाकार मचना शुरू हो गया है।
अहले सुबह से ही सुर्य की तपिश से लागो को धर से निकलना दुश्वार हो गया है। रोजमर्रे एव जरूरत के कामों के लिए निकलने बाला लोग एक.एक बुंद पानी के बिना तरस रहे है।
लखीसराय जिला के लालीपहाडी व काली पहाडी में अभी से ही कुआॅ और 3 मार्ग सेक्सन के चापाकल का लेयर भाग गया है जिससे पानी का अभाव हो गया है और भयंकर जल का संकट उत्पन्न हो गया है । अब यहाॅ के लोग किउल की सुखी नदी से प्यास बुझाने के लिए पानी की व्यवस्था बालु.खेादकर चुआॅ से पानी निकालकर जीवन बचाने की संघर्ष कर रहा है लगातार दो बर्षो से सुखाड आने से भगवान भी पानी की बर्षा करना छोड दिया है जिससे यहाॅ का कॅुआ ए चापाकल ए और किउल नदी भी अब सुख गया है । पहले लखीसराय जिला के जंगलों और पहाडों के कन्द्राओं से पानी आ जाया करता था लेकिन अब 4 से 5 बर्षो से इस नदी में पानी का नसीव नहीं है जिससे यह नदी अब नाला बनकर रह गया है। आज भी हजारों गरीब परिवार के लोग इसी सुखी नदी से बालु को खोद.खोदकर पानी निकाल कर अपने प्यास और घर की सारी कामों को निपटाती है । पहाडी इलाका होने के कारण यहाॅ सरकारी मशीन द्वारा पानी की भी व्यवस्था नहीं हो पाता है अभी से ही सुखी नदी से बालु को खोदने के बाद भी कहीं.कहीं पानी नहीं निकल पाता है काफी बालु.खेादकर लोग सैकडों की संख्या में लालीपहाडी व काली पहाडी के लोग रोज इसी सुखी नदी से पानी के लिए जाती है और कुछ लोग सार्वजनिक कुआॅ पर पानी के लिए नम्बर लगाकर लेते है जो कुछ घण्टो में शेष हो जाता है और पानी.पानी के लिए व्याकुल होकर कभी . कभी यहाॅ के लोग अपना दम तक तोड देते है और जिला प्रशासन मरने बालों को कबीर अन्तेष्ठी के तहत 1500 रू0 देकर अपना पल्ला झार लेती है ।
लखीसराय नगर प्रशासन और जिला प्रशासन के द्वारा 3 बार इस इलाका के लिए टेंडर निकाल कर पानी का संकट से निजात दिलाने की प्रयास तो किया गया लेकिन प्रशासनिक लापारवाही के कारण तीनों बार टेंडर कैन्सिल हो गया और यह संकट जस की तस बनी रह गई । बर्ष 2005.2006 में 49 लाख 72 हजार रूपया का टेंडर हुआ । बर्ष 2009.2010 में 2 करोड 59 लाख रूपया का आवंटन किया गया जो टेंडर में कम राशि होने के कारण फिर कैसिल हो गया ।
स्थानीय जद यु के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह लगातार जब भी शहर में आते है। तो पहाड पर पानी टंकी देने की बात कहकर ताली की गुज सुन कर खुश हो जाते है। और यहां से जाने के बाद भुल जाते है। सांसद के द्वारा 10 बर्षो में यहां 4 बार पानी टंकी बनाने की योजना कागजो पर तय किया जा चुका है। लेकिन हर बार जनता के साथ धोखा हो रहा है। पुन तीसरी बार 7 करोड की लागत से जल मिनार बनाने के लिए जल निगम पटना को भेजा जा चुका है जो आज तक अधर में लटका है ।
V.O1... लखीसराय एस0डी0ओ0 अंजनी कुमार पानी की किल्लत दुर करने की बात करते है लेकिन धरातल पर कहीं कोई टैंकर से पानी की व्यवस्था नहीं किया गया है। सार्वजनिक कुआं सुख गया है। चापाकल स्वास ले रही है। लोग पानी के बिना मर.मर कर जी रहे है।
बाईट 1 - Anjani kumar- अनुमंडल पदाधिकारी
बाईट 2 - मोती साव..प्रभावित
बाईट-3 Sanju devi...प्रभावित परिवार
बाईट-4 Neelam Devi..प्रभावित परिवार
बाईट-5 Savitree Devi..प्रभावित परिवार
संवाददाता - रणजीत कुमार सम्राट - लखीसराय - बिहार - मो0- 99552 17600
लखीसराय गर्मी की आहट पाते ही चापाकल व कुआं के सूख जाने से जिले के जंगली.पहाड़ी क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। लोगों के कंठ सूखने लगे हैं। प्यास बुझाने के लिए लोगों को दो से चार किलोमीटर की दूरी तय कर पानी लाना पड़ रहा है। तपतपाती गर्मी में जलस्तर नीचे चले जाने के कारण जिला के लाली पहाडी और काली पहाडी निवासीयों के लिए पानी का हाहाकार मचना शुरू हो गया है।
अहले सुबह से ही सुर्य की तपिश से लागो को धर से निकलना दुश्वार हो गया है। रोजमर्रे एव जरूरत के कामों के लिए निकलने बाला लोग एक.एक बुंद पानी के बिना तरस रहे है।
लखीसराय जिला के लालीपहाडी व काली पहाडी में अभी से ही कुआॅ और 3 मार्ग सेक्सन के चापाकल का लेयर भाग गया है जिससे पानी का अभाव हो गया है और भयंकर जल का संकट उत्पन्न हो गया है । अब यहाॅ के लोग किउल की सुखी नदी से प्यास बुझाने के लिए पानी की व्यवस्था बालु.खेादकर चुआॅ से पानी निकालकर जीवन बचाने की संघर्ष कर रहा है लगातार दो बर्षो से सुखाड आने से भगवान भी पानी की बर्षा करना छोड दिया है जिससे यहाॅ का कॅुआ ए चापाकल ए और किउल नदी भी अब सुख गया है । पहले लखीसराय जिला के जंगलों और पहाडों के कन्द्राओं से पानी आ जाया करता था लेकिन अब 4 से 5 बर्षो से इस नदी में पानी का नसीव नहीं है जिससे यह नदी अब नाला बनकर रह गया है। आज भी हजारों गरीब परिवार के लोग इसी सुखी नदी से बालु को खोद.खोदकर पानी निकाल कर अपने प्यास और घर की सारी कामों को निपटाती है । पहाडी इलाका होने के कारण यहाॅ सरकारी मशीन द्वारा पानी की भी व्यवस्था नहीं हो पाता है अभी से ही सुखी नदी से बालु को खोदने के बाद भी कहीं.कहीं पानी नहीं निकल पाता है काफी बालु.खेादकर लोग सैकडों की संख्या में लालीपहाडी व काली पहाडी के लोग रोज इसी सुखी नदी से पानी के लिए जाती है और कुछ लोग सार्वजनिक कुआॅ पर पानी के लिए नम्बर लगाकर लेते है जो कुछ घण्टो में शेष हो जाता है और पानी.पानी के लिए व्याकुल होकर कभी . कभी यहाॅ के लोग अपना दम तक तोड देते है और जिला प्रशासन मरने बालों को कबीर अन्तेष्ठी के तहत 1500 रू0 देकर अपना पल्ला झार लेती है ।
लखीसराय नगर प्रशासन और जिला प्रशासन के द्वारा 3 बार इस इलाका के लिए टेंडर निकाल कर पानी का संकट से निजात दिलाने की प्रयास तो किया गया लेकिन प्रशासनिक लापारवाही के कारण तीनों बार टेंडर कैन्सिल हो गया और यह संकट जस की तस बनी रह गई । बर्ष 2005.2006 में 49 लाख 72 हजार रूपया का टेंडर हुआ । बर्ष 2009.2010 में 2 करोड 59 लाख रूपया का आवंटन किया गया जो टेंडर में कम राशि होने के कारण फिर कैसिल हो गया ।
स्थानीय जद यु के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह लगातार जब भी शहर में आते है। तो पहाड पर पानी टंकी देने की बात कहकर ताली की गुज सुन कर खुश हो जाते है। और यहां से जाने के बाद भुल जाते है। सांसद के द्वारा 10 बर्षो में यहां 4 बार पानी टंकी बनाने की योजना कागजो पर तय किया जा चुका है। लेकिन हर बार जनता के साथ धोखा हो रहा है। पुन तीसरी बार 7 करोड की लागत से जल मिनार बनाने के लिए जल निगम पटना को भेजा जा चुका है जो आज तक अधर में लटका है ।
V.O1... लखीसराय एस0डी0ओ0 अंजनी कुमार पानी की किल्लत दुर करने की बात करते है लेकिन धरातल पर कहीं कोई टैंकर से पानी की व्यवस्था नहीं किया गया है। सार्वजनिक कुआं सुख गया है। चापाकल स्वास ले रही है। लोग पानी के बिना मर.मर कर जी रहे है।
बाईट 1 - Anjani kumar- अनुमंडल पदाधिकारी
बाईट 2 - मोती साव..प्रभावित
बाईट-3 Sanju devi...प्रभावित परिवार
बाईट-4 Neelam Devi..प्रभावित परिवार
बाईट-5 Savitree Devi..प्रभावित परिवार
संवाददाता - रणजीत कुमार सम्राट - लखीसराय - बिहार - मो0- 99552 17600